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अब तो इस मन के मंदिर में प्रभु का हुआ हैं बसेरा।

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Be fearless

ईश्वर सर्वत्र हैं।

हरिद्वार से गंगाजल लेकर उससे रामेश्वर में भगवान शंकर का अभिषेक करने का प्राचीन समय से ही  बड़ा महत्त्व रहा हैं ।   महाराष्ट्र के प्रसिद्द संत एकनाथ जी अपने कुछ शिष्यों व संतों  साथ गंगाजल लेकर पैदल-पैदल रामेश्वर जा  थे । नगर , ग्राम ,जंगल ,पर्वत रेगिस्तान आदि पार करते हुए वे चले जा रहे थे। रेगिस्तान में एक संकट उपस्थित हो गया । सब यात्रियों ने देखा कि  मार्ग में ,एक गधा बुरी तरह धरती पर लोटपोट हो  रहा था।  उसे देखते ही सब समझ गए कि यह प्यास से तड़प रहा हैं।  यदि उसे जल नहीं मिला , तो वह कुछ देर में मर जाएगा। पर यात्रियों  के पास  तो पानी के नाम पर केवल गंगाजल था। इसलिए सब उसे सहानुभूति से देखते रहे , पर एकनाथ जी ने अपनी काँबड़ उतारी और  कलश में रखा गंगाजल गधे को पिला दिया।  गधे ने तृप्ति से उसकी ओर देखा और अपनी राह चला गया। सबने एकनाथ जी को टोका - यह आपने क्या किया ?; इतने कष्ट एवं परिश्रम से आप जो गंगाजल लाये थे , वह आपने गधे को पिला दिया ? अब भगवान को क्या चढ़ायेंगे ?एकनाथ जी ने कहा :- भगवन सर्वत्र हैं।  रामेश्वर के शिवलिंग में जो भगवान हैं , वही  इस  गधे  के अंतकरण में भी हैं।  यदि  हम

Only animals were not expelled from Paradise.

केचिद्विवा तथा रात्रौ प्रनिन्स्तुल्यद्रुष्टयः। .ज्ञानिनो मनुजाः सत्यं किं तु ते न हि केवलम्। । .यतो हि ज्ञानिनः सर्वे पशुपक्षिमृगादयः। .ज्ञानं च तन्मनुष्याणां यत्तेषां मृगपक्षिणां। ।मनुष्याणां च यत्तेषां तुल्यमन्यत्तथोभयोः। । कुछ  प्राणि दिन में नहीं देखते  दुसरे रात में नहीं देखते तथा कुछ ऍसे  प्राणि हैं जो दिन और रात में बराबर देखते हैं। यह तो ठीक हैं मनुष्य समझदार होते हैं ; किंतु केवल वे ही नहीं होते।  पशु ,पक्षी और मृग आदि सभी प्राणि समझदार होते हैं।  मनुष्योंके समझ भी वैसी ही होती हैं , जैसी उन मृग और पक्षी आदि की होते हैं. तथा जैसी मनुष्यों की होती हैं ,वैसी  मृग-पक्षी आदि की होती हैं। देवी भागवत अध्यायम -१ (४८ ,४९ ,५० )

The Wise Monkeys..!

Vikram Betal Stories – Indian Folktales — MANOJ KURUP Docs.com SlideTalk Video: No Evil Monkeys... You need to install the Flash plugin - Webestools