आकाश में स्थित सभी नौ ग्रहोंमे आकर्षण शक्ति हैं। यही आकर्षण शक्ति चन्द्रमा में भी पाई जाति हैं। जिसके आधार पर ही चाँद पृध्वीके चारों और चक्कर लगाता हैं। चाँद अपनी आकर्षण क्षमता के आधार पर ही पृध्वी की चीजोंको आकर्षित करता हैं। चन्द्र और पानी दोनों सौम्य होने के कारण भी एक दुसरे से जुड़े हुए हैं। यही कारण हैं कि चन्द्रमा समुद्र के पानी को अपनी ओर खींचता हैं। लेकिन पृध्वि की चीज़ों को अपनी ओर आकर्षित करने के शक्ति चाँद के आकर्षण से कहीं गुना अधिक हैं। इसलिए समुद्र के पानी को पृध्वी अपनी ओर धामे रहती हैं। पूर्णिमा तिथि को चन्द्रमा का बल अधिक बढ़ जाता हैं। जिसके कारण ही ये समुद्र के पानी को तेजी से अपनी ओर खींचता हैं। जिसकी वजह से समुद्र के लहरें तेजी से ऊपर की ओर ज्वारभाटा निर्मित करती हैं।
समुद्र से उत्पन्न हुयी यह लहरें कभी कभी इतनी विशाल और शक्तिशाली हो जाती हैं कि सामान्य जनजीवन को भी अपनी चपेट में ले लेती हैं। समुद्र की सीमा का लंघन करती हुई ये लहरें धरती पर अपना प्रभाव छोड़ने लगती हैं। ऐसी ही उत्पन्न होती लहरोने २६ दिसंबर २००४ को भारत में अपने पैर पसारे थे। समुद्र की सीमा को तोड़ती हुई इन लहरों ने जंगलों , सड़कों की सीमा पार कर लोगों के घरों में प्रवेश पा लिया था।
Manoj Kurup |
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