In Hindu mythology, Shri Hanuman is regarded as the God of power, strength and knowledge. He is known as the ‘param bhakt’ of lord Rama and is the incarnation of Lord Shiva. He was born to Kesari and Anjani on the Chaitra Shukla Purnima (Chaitra Shukla Purnima is the Full Moon Day on the Hindu Calendar Month of Chaitra) that is why, he is known as ‘KESERI NANDAN’ and ‘ANJANEYA’. The philosophy of epic Ramayana is incomplete without the understanding of the unfathomable devotion of Lord Hanuman for Shri Rama. As Hindu Mythology says, He was the incarnation of Lord Shiva the God of Destruction, the Third god of Hindu trinity (All this universe is in the glory of God, of Shiva, the God of Love. The heads and faces of men are His own and He is in the hearts of all (- Yajur Veda).Hanuman Jayanti is celebrated on in the Indian month of Chaitra on the Purnima tithi every year. Chaitra Shukla Purnima (Chaitra Shukla Purnima is the Full Moon Day on the Hindu Calendar Month of Chaitra) .
भूतसूक्ष्मात्मनि मयि तन्मात्रम धारयेन्मनः।
अनिमानमवाप्नोति तन्मात्रोपासको ममः। ।
महत्यात्मानमार्य परे यथासंस्थां मनेदथत।
महिमानमवाप्नोति भूतानां च पृथक -पृथक। ।
उद्धवगीता - श्रीमद्भागवत -११ -१५ (१० -१७ )
प्रिय उद्धव...!। पञ्चभूतोंकी सूक्ष्मतम मात्राएँ मेरा ही शरीर हैं। जो साधक, केवल मेरे उस शरीर की , और अपने मनको , उसीमें - अर्थात मेरे तन्मात्रात्मक शरीर के अतिरिक्त और किसी वास्तु का चिंतन नहीं करता ,उसे 'अणिमा ' नाम की सिद्धि ,अर्थात पत्थर की चट्टान आदि में भी प्रवेश करने की शक्ति - 'अणुता ' प्राप्त हो जाती हैं। महत्तत्वके रूप में भी, मैं ही प्रकाशित हो रहा हूँ ,और उस रूप में समस्त व्यावहारिक ज्ञानोंका केंद्र हूँ। जो मेरे उस रूप में अपने मनको महत्तत्वाकार कर के, स्थिर कर देता हैं , उसे 'महिमा ' नाम की सिद्धि प्राप्त होती हैं, और इसी प्रकार आकाशादि पञ्चभूतोंमें - जो मेरे ही शरीर हैं - अलग अलग मन लगानेसे -उनकी महत्ता प्राप्त हो जाती हैं।