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Google’s Self Driving Car Test : Steve Mahan( സ്റ്റീവ് മഹാൻ )...!



By Google : “We announced our self-driving car project in 2010 to make driving safer, more enjoyable, and more efficient. Having safely completed over 200,000 miles of computer-led driving, we wanted to share one of our favorite moments. Here’s Steve (സ്റ്റീവ് മഹാൻ) , who joined us for a special drive on a carefully programmed route to experience being behind the wheel in a whole new way. We organized this test as a technical experiment, but we think it’s also a promising look at what autonomous technology may one day deliver if rigorous technology and safety standards can be met.”

Tata Motors’s JLR unit is working on smarter, self-learning cars.  click...





Jaguar Land Rover is developing much smarter cars that will offer a completely personalized driving experience and help prevent accidents....

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THE PANCHA MAHA YAJNAS : Five Daily Sacrifices To Be Performed By Every Householder

Pancha maha yajnas There are five important daily sacrifices that Hindu religion commands everyone to perform . They are Brahma yajna - Sacrifice to Vedas or Rishis. Deva Yajna- Sacrifice to Devas and God. Pitru Yajna - Sacrifice to departed ancestors. Nru Yajna- Sacrifice to fellow -men. Bhuta Yajna - Sacrifice to creatures or brute creation. There is an outer aspect and inner meaning to each of these, teaching man his relations with all around him- his superiors, his equals and his subordinates. The law of sacrifice as embodied in these five Yajnas, teach us that we are not isolated entities , but part of a great whole , that our happiness and progress are secure, only when the sub serve the general happiness and conduce to the general purpose. Outer aspect of Brahma yajna is study and teachings of Vedas and scriptures.Everyone should study some sacred book, deeply think about it. Practice its teaching and share the gained knowledge with others. The inner aspect is t...

अर्चिरादि मार्ग

प्राणियों केलिए वर्त्तमान शरीर को त्याग कर इस लोक से परलोक में जाने के, वेदों में  दो मार्ग बताये गये  हैं - एक देवयान और दूसरा पितृयान।  देवयान मार्ग शुक्ल और दीप्तिमय हैं तो , पितृयान कृष्ण और  अन्धकारमय हैं।  इसीका गीता में भी प्रतिपादन किया गया हैं :- शुक्लकृष्णे गती ह्येते जगतः शाश्वते मते । एकया यात्यनावृत्तिमन्ययावर्तते पुनः ॥ ८.२६ ॥ क्योंकि शुक्ल और कृष्ण – ये दोनों गतियाँ अनादिकालसे जगत् – (प्राणिमात्र) के साथ (सम्बन्ध रखनेवाली) मानी गयी हैं । इनमें से एक गति में जानेवाले को लौटना नहीं पड़ता और दूसरी गति में जानेवाले को पुनः लौटना पड़ता है । (८.२६) शुक्ल अधवा देवयान को अनावृत्ति ( मुक्ति) मार्ग और कृष्ण ( पितृयान )को पुनरावृत्ति मार्ग बताया गया हैं।  इस मुक्ति मार्ग को ही अर्चिरादि मार्ग कहते हैं।  अर्चि अग्नि को कहते हैं जो प्रकाश कारक हैं।   अर्चिरहः सितः पक्ष उत्तरायण वत्सरो।  मरुद्रवीन्दवो विद्युद्वरुणेंद्र चतुर्मुखाः। । एते द्वादश धीराणां परधामा वाहिकाः।  वैकुण्ठ प्रापिका विद्युद्वरुणा देस्त्वनुग्रहे।।...

अर्चिरादि मार्ग

प्राणियों केलिए वर्त्तमान शरीर को त्याग कर इस लोक से परलोक में जाने के, वेदों में  दो मार्ग बताये हाय हैं - एक देवयान और दूसरा पितृयान।  देवयान मार्ग शुक्ल और दीप्तिमय हैं तो , पितृयान कृष्ण और  अन्धकारमय हैं।  इसीका गीता में भी प्रतिपादन किया गया हैं :- शुक्लकृष्णे गती ह्येते जगतः शाश्वते मते । एकया यात्यनावृत्तिमन्ययावर्तते पुनः ॥ ८.२६ ॥ क्योंकि शुक्ल और कृष्ण – ये दोनों गतियाँ अनादिकालसे जगत् – (प्राणिमात्र) के साथ (सम्बन्ध रखनेवाली) मानी गयी हैं । इनमें से एक गति में जानेवाले को लौटना नहीं पड़ता और दूसरी गति में जानेवाले को पुनः लौटना पड़ता है । (८.२६) शुक्ल अधवा देवयान को अनावृत्ति ( मुक्ति) मार्ग और कृष्ण ( पितृयान )को पुनरावृत्ति मार्ग बताया गया हैं।  इस मुक्ति मार्ग को ही अर्चिरादि मार्ग कहते हैं।  अर्चि अग्नि को कहते हैं जो प्रकाश कारक हैं।  अर्चिरहः सितः पक्ष उत्तरायण वत्सरो। मरुद्रवीन्दवो विद्युद्वरुणेंद्र चतुर्मुखाः। । एते द्वादश धीराणां परधामा वाहिकाः। वैकुण्ठ प्रापिका विद्युद्वरुणा देस्त्वनुग्रहे।।   ब्रह्मज्ञानी मु...