शातायुरवै पुरुषः : सर्व युगेषु )
मनुष्य की सभी युगों में आयु - १०० वर्ष
कलियुग में मानव की आयु - ६५ वर्ष (कलौ पापचरणात त्रुटिः )
बाल्यावस्था - ५ वर्ष पर्यंत.
निद्रा - प्रतिदिन २० घड़ी (८.घण्टे) के हिसाब से मनुष्य के आयु में से २० वर्ष निकल जाते हैं |
विद्या - ५ से २५ वर्ष के आयु के बीच प्रतिदिन २५ घड़ी (१० घण्टे ) के हिसाब से ८ वर्ष ४ मॉस बीत जाते हैं. |
व्यापार - नौकरी - २५- से ६० वर्ष के मध्य प्रतिदिन २० घड़ी (८.घण्टे ) गणित से ११ वर्ष ८ मॉस व्यतीत हो जाते हैं .|
शौच क्रिया - प्रतिदिन सवा घड़ी (१/२ . घण्टे ) के हिसाब से ६५ आयु वर्षों में से १ वर्ष ३ महीना चले जाते हैं ..!|
दंतधावन- जल्पानादी - ५ से ६५ वर्ष तक प्रतिदिन २५ पल (१० मिनट) के हिस्साब से आयु के ५ मॉस बीत जाते हैं...!.|
स्नान - प्रति दिन सवा घड़ी (१/२. घंटा ) के हिस्साब से समस्त आयु के २ वर्ष ६ मॉस समाप्त हो जाते हैं...!. |
भोजन - प्रतिदिन २ १/२ घड़ी (१ घंटा) के हिसाब से समस्त आयु के २ वर्ष ६ मॉस समाप्त हो जाते हैं...!.|.
रहन-सहन - वार्तालाप , नाटक, खेल-कूद , गप्प आदि में प्रतिदिन ६ घड़ी (२.१/२ घण्टे) के हिस्साब से ६ वर्ष ३ मॉस बीत जाते हैं....!. |.
रोग - प्रतिदिन २.१/२ घड़ी (१ घंटा) के गणित से आयु के २ वर्ष चले जाते हैं ...!.|.
गृह-व्यवस्था - प्रतिदिन ५ घड़ी (२ घण्टे) के हिस्साब से ३ वर्ष एवं ४ महीने चले जाते हैं.|. इस प्रकार समस्त आयुष्य, संसारिक झंझटों में बीत जाता हैं |. भगवान का भजन केवल १० वर्ष से ६५ वर्ष तक प्रति दिन आधा घंटा करो , तो अपनी आयु के १ वर्ष और १५ दिन परमेश्वर-परायणता में लग सकते हैं..!.| इतना भी यदि न हो , तो समस्त आयु पाप में बीत जायेगी.........!.
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