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Thousands of Shiva Lingas carved throughout the river bed....!

Dry Weather Reveals Amazing River With Thousands of Shiva Lingas

Some "little people" with their friends...!

Petition: BOYCOTT KERALA TOURISM & PRODUCTS   Stray dogs culling: Boycott Kerala campaign gains momentum

Fall of Bhishma !

दो कुतोंके प्रत्युपकार ...!

एक बार दो कुत्ते गंगा स्नानार्थ साथ-साथ रवाना हुए। एक  दिन   किसी नगर में भूखसे व्याकुल हो कर दोनों अलग-अलग भोजनकी तलाश में गये। पहला श्वान एक ग़रीब ब्राह्मण के घर में गया वहाँ रखी हुई थाली   में से रोटी खाने लगा। ब्राह्मण ने देख कर कुछ भी नहीं किया। दूसरा कुत्ता एक सेठ के घर घुस गया  ,जहाँ पर बिना कुछ नुक्सान किये ही लाठीसे उसे अधमरा कर दिया गया। मिलने पर पहले कुत्ता इसका कारण पूछा  , तब दुसरे कुत्ता ने बोला :- बिना बिगार मार भुगताई। मैं तो करवत लेसूँ भाई।। करवत लेह अवतरऊँ जाई। वान्ये के जनमूँ दुखदाई। । यह सुनकर पहले कुत्ता भी कहा :- ब्राह्मण सत्त कहा कूँ तोकूँ। दीन्हो नहीं कछु दुःख मोकूँ।। मैं भी करवत लेसूँ भाई। ब्राह्मण गृहे अवतरऊँ जाई। । पुत्र होय सुख भुगताऊँ। फलदायक ऎसे मन चाऊँ। ऐसा निश्चय करके दोनोंने काशी में करवत ली। दूसरा कुत्ता तो सेठके यहाँ उत्पन्न हुआ और जन्मसे ही सदा रोगी बनकर विविध प्रकारसे खर्च कराया। बड़ा होने पर , वह कभी बालोंको खींचता , कभी -कभी पत्थर मारता , तोड़-फोड़ करता। अंत में उसने  एक दिन लाठीसे सेठ का मस्तक ही फोड़ डाला। इस प्

कुरूप ऋषियोंके शाप।

https://soundcloud.com/manoj-kurup/mahabharata-by-vyasa-the एक बार नन्दबाबा आदि गोपोंने , शिवरात्रिके अवसर पर अम्बिका वनकी यात्रा की।  वहाँ  उन लोगोंने सरस्वती नदी में स्नान करके , भगवान शंकर और माता पार्वतीजी का भक्तिभावसे पूजन किया।  उस दिन  वे लोग उपवास कर रखा था , इसलिए केवल जल पीकर , रातको नदीके तट पर ही , बेखाट के सो गए।  वहाँ  अम्बिका वन में ,  एक  बड़ा भारी अजगर रहता था , जो बहुत ही भूखा था। उसने सोये हुए नन्दजी को  पकड़ लिया।  अपने प्राण रक्षा केलिए उन्होंने बड़ी दीनतासे भगवान्  श्रीकृष्ण को  ज़ोर ज़ोरसे पुकारने लगे।  क्षण में ही  श्रीकृष्ण वहाँ  पहुँचकर , उस अजगरको अपने चरणकमलोंसे छू लिया।  उनके चरणोंके स्पर्श होते ही , वह जीवी अजगर का शरीर छोड़ कर , तुरंत एक अतिसुन्दर  रूपवान पुरुष बन  गया।  उसके शरीरसे दिव्यज्योति निकल रही थी।  वह श्रीकृष्णजी को प्रणाम करने  के बाद , हाथ जोड़ कर , उनके सामने खड़ा हो गया।  तब भगवान ने पुछा । तुम कौन हो ? तुम्हें अजगरके निंदनीय योनि कैसे प्राप्त हुई ?जवाब में उसने बोला।  भगवन।   पहले मैं सुदर्शन नाम का  एक विद्याधर था।  मैं धन और रूप सम्पति से म