1. ज्योतिष में गोधूलि का समय विवाह के लिए सर्वोत्तम माना गया है।  2. यदि यात्रा के प्रारंभ में गाय सामने पड़ जाए अथवा अपने बछड़े को दूध पिलाती हुई सामने पड़ जाए तो यात्रा सफल होती है।  3. जिस घर में गाय होती है, उसमें वास्तुदोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है।  4. जन्मपत्री में यदि शुक्र अपनी नीच राशि कन्या पर हो, शुक्र की दशा चल  रही हो या शुक्र अशुभ भाव (6, 8, 12)- में स्थित हो तो प्रात:काल के भोजन  में से एक रोटी सफेद रंग की गाय को खिलाने से शुक्र का नीचत्व एवं शुक्र  संबंधी कुदोष स्वत: समाप्त हो जाता है।  5. पितृदोष से मुक्ति- सूर्य, चंद्र, मंगल या शुक्र की युति राहु से हो तो  पितृदोष होता है। यह भी मान्यता है कि सूर्य का संबंध पिता से एवं मंगल का  संबंध रक्त से होने के कारण सूर्य यदि शनि, राहु या केतु के साथ स्थित हो  या दृष्टि संबंध हो तथा मंगल की युति राहु या केतु से हो तो पितृदोष होता  है। इस दोष से जीवन संघर्षमय बन जाता है। यदि पितृदोष हो तो गाय को  प्रतिदिन या अमावस्या को रोटी, गुड़, चारा आदि खिलाने से पितृदोष समाप्त हो  जाता है।  6. किसी की जन्मपत्री में सूर्य नीच राशि त...