आज एक धर्मनिरपेक्षतावादि से भेंट हुई।
घूरने लगा मुझे अकारण कुछ डरावना अंदाज़ से
तो मैंने पूच्छा क्यों भाई घूर क्यों रहे हो ?
तो वह कहने लगा , क्या मैं भारतीय नहीं हूँ ?
अरे भाई मैंने कब कहा तुम भारतीय नहीं हो?
फिर महाशय ने पुछा क्या तुमने चड्डी पहन रखा हैं ?
होश उड़ गया मेरा सुनते ही बात बेहुदा के।
मैंने हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगने लगा।
भाई चैन से बैठने दो मुझे ।
छोड़ दो मुझे अपने हाल पे। ।
अब पहने चड्डी की ब्रांड रूपा या डॉलर ।
अरविन्द या मधुरा कोट के। ।
सुनने से पहले निकल आया मैं जान बचा के।
तब मैंने उसे यह बात कहने को सोचा पर कहा नहीं।
आखिर जगह गॉड'स ऑवन कंट्री जो ठहरा।
जीवन नारकीय बनने को फिर देर नहीं लगेगा ।
घूरने लगा मुझे अकारण कुछ डरावना अंदाज़ से
तो मैंने पूच्छा क्यों भाई घूर क्यों रहे हो ?
तो वह कहने लगा , क्या मैं भारतीय नहीं हूँ ?
अरे भाई मैंने कब कहा तुम भारतीय नहीं हो?
फिर महाशय ने पुछा क्या तुमने चड्डी पहन रखा हैं ?
होश उड़ गया मेरा सुनते ही बात बेहुदा के।
मैंने हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगने लगा।
भाई चैन से बैठने दो मुझे ।
छोड़ दो मुझे अपने हाल पे। ।
अब पहने चड्डी की ब्रांड रूपा या डॉलर ।
अरविन्द या मधुरा कोट के। ।
सुनने से पहले निकल आया मैं जान बचा के।
तब मैंने उसे यह बात कहने को सोचा पर कहा नहीं।
आखिर जगह गॉड'स ऑवन कंट्री जो ठहरा।
जीवन नारकीय बनने को फिर देर नहीं लगेगा ।
तो अब मैंने वो बात आप को सुना रहा हूँ।
तो सुनिए :-
रे परम कुटिल कुमारग गामी।
मनुरूपधारी कपट अंतरजामी। ।
देखि तेरी प्रभुताई ।
तिलु तेरी वडियाई। ।
मूढ़ जानी सठ छोड़ेॐ तोही।
लागेसी अधम पचारै मोही। ।
मृत्यु निकट आई तोही।
लागे अधम सिखावन मोही। ।
जानु ढोल गँवार सूद्र पसु नारी।
सकल ताड़ना के अधिकारी। ।
अधम निलज्ज छुछूंन्तर।
अंगभंग करि पठाइबो बन्दर। ।