पैर के अंगूठे द्वारा भी शक्तिका संचार होता हैं।


पैर के अंगूठे द्वारा भी शक्तिका संचार होता हैं।   पाँव के अंगूठे में विद्युत सम्प्रेक्षणीय शक्ति होती हैं , यही कारण हैं कि,  अपने वृद्धजनोंके नम्रतापूर्वक चरणस्पर्श करने से जो आशीर्वाद मिलता हैं , उससे व्यक्ति की उन्नति के रस्ते खुलते जाते हैं।  कहते हैं गौदान -गंगादि तीर्थस्नान के पुण्यफल केवल गुरुजनोंके पांवप्रक्षालन एवं चरण वंदन से प्राप्त होता है।  वृद्धजनोंके चरणस्पर्श के पश्चात शरीर में व्यापृत इस शक्ति का संचार एवं विद्युत सम्प्रेक्षणीय शक्ति से अविद्या रुपी अन्धकार नष्ट होता हैं और व्यक्ति उन्नति करता हैं।

Comments

Popular posts from this blog

अर्चिरादि मार्ग

ഒരു പ്രാണിയേയും വിദ്വേഷിക്കാതെയും....

गोमती विद्या । गौरक्षा हम क्यों करें ?