आलप्पी अद्वितीय और अनिर्वचनीय .......!

 कल तक मैं आलप्पी शहरको गाडियोंके अन्दर बैठकर देखा हुआ  हूँ।  आज मैं ज़मीन पर उत्तर कर इस नगरी की सौंदर्य का मज़ा लूटने का प्रयास किया।  मुझे अपने आप पर बहुत  गुस्सा होने लगा इस बात पर, आखिर  आज तक मुझे यह  क्यों नहीं सूझा।।।?    इतने मनोहर , सुन्दर शहर, जिसकी सुंदरता किसी को भी वशीकृत करलेते हैं एक निमिष में ही। तब मुझे नेपाल में महाराजाओं  के द्वारा बनाये उन महान सृष्टियोंकी याद आया, जिसे आज बुलडोज़र से  तोड़ दिए जा रहे हैं। राजा,महाराजा , दिवानोंके बने महनीय सृष्टियोंको , सवर्णसृष्टि  करार , उस की उन्मूलन की जीता-जागता नमूना हैं आज इस खूबसूरत शहर। नेपाल में भी , महरजाओंके द्वारा बनाया  गया ,कई महनीय और अद्वितीय कृतियों-सृष्टियोंको  भी इसतरह निस्त-ओ-नाबूद किये जारहे हैं। सवर्ण कला , सवर्ण साहित्य , सवर्ण शिल्पकला , सवर्ण यह-सवर्ण वह , यह कहकर सब चीजोंकी वाट लगा दिये हैं इन क......  नोंने....!








Comments

Popular posts from this blog

अर्चिरादि मार्ग

THE PANCHA MAHA YAJNAS : Five Daily Sacrifices To Be Performed By Every Householder

Nothing to beat Indians in knowledge....!